पत्नि को सल्फास खिलाकर हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास


उज्जैन। न्यायालय श्री मुकेश नाथ, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय महिदपुर जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी कालूराम पिता मुन्नालाल दन्तेडिया, उम्र 41 वर्ष, निवासी माली बाखल, तहसील महिदपुर, जिला उज्जैन को धारा 302 भा0द0वि0 में आजीवन कारावास एवं 5,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 
 उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है कि घटना दिनांक 20.05.2018 को सुबह करीब 09ः00 बजे से 10ः00 बजे के मध्य को पुलिस थाना महिदपुर पर सिविल अस्पताल, महिदपुर से टेलीफोन पर सूचना प्राप्त होने पर उप निरीक्षक दीपक भोंडे सिविल अस्पताल, महिदपुर पहुंचे, जहॉ सुनीता पति कालूराम, उम्र 36 वर्ष, निवासी माली बाखल, महिदपुर सल्फास की जहरीली दवाई खाने से ईलाज हेतु भर्ती थी, सुनीता कथन देने की स्थिति में नहीं होने से उसके कथन लेख नहीं किए जा सके एवं हालत गम्भीर होने से डॉक्टर द्वारा सुनीता को प्राथमिक उपचार के बाद उज्जैन रैफर कर दिया, ईलाज के दौरान सुनीता की मृत्यु हो गई थी। मृतिका सुनीता के पुत्र, मृतिका के पिता व बहन के कथन लेखबद्ध किए गए, जिसमंे पाया गया कि मृतिका के पति अभियुक्त कालूराम के किसी महिला से अवैध सम्बन्ध थे और मृतिका द्वारा अवैध सम्बन्धों के बारे में टोकने पर अभियुक्त कालूराम अक्सर मृतिका के साथ मारपीट कर प्रताड़ित करता था। घटना दिनांक 20.05.2018 को मृतिका सुनीता द्वारा अभियुक्त को उसके अवैध संबंधों की बात को लेकर टोका था जिस पर अभियुक्त कालूराम ने अपने पुत्र व पुत्री की उपस्थिति में मृतिका सुनीता के साथ मारपीट कर नीचे गिरा दिया एवं हत्या करने की नियत से उसे जबरन सल्फास की गोलियां खिला दी थी। जांच उपरांत  पुलिस थाना महिदपुर द्वारा आरोपी कालूराम के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। 
 मृतिका के शव परीक्षण दौरान प्रीजर्व किये गये विसरा को रासायनिक परीक्षण हेतु एफएसएल भेजा गया था, जांच उपरांत प्राप्त रिपोर्ट में मृतिका के विसरा में एल्युमिनियम फास्फाइड (सल्फास) पाया गया था। आवश्यक अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
 प्रकरण में एक महिला की हत्या अन्तर्वलित होने से माननीय संचालक महोदय पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा समीक्षा कर पैरवीकर्ता श्री अजय वर्मा एजीपी को समय-समय पर विधिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
 प्रकरण में मृतिका के पुत्र एवं पुत्री जो कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी साक्षी थे कि साक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण रही। दोनों ने न्यायालय में यह साक्ष्य दी कि उनके पिता ने ही उनकी मॉ की सल्फास खिलाकर मृत्यु कारित की है। प्रकरण में वैज्ञानिक साक्ष्य जिसमें मृतिका के विसरा जांच रिपोर्ट में एल्युमिनियम फास्फाइड (सल्फास) होना पाया, महत्वपूर्ण साक्ष्य रही है। अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रत्यक्षदर्शी साक्षी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के माध्यम से प्रकरण को संदेह से परे न्यायालय में साबित किया गया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। 
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री अजय वर्मा, एजीपी महिदपुर द्वारा की गई।मुकेश कुमार कुन्हारेअभियोजन मीडिया सेल प्रभारी                  उज्जैन म.प्र.